पिछले दो महीनों के दौरान आर्थिक मंदी ने शेयर बाजार का नक्शा ही बिगाड़ कर रख दिया है। शेयर बाजार में चल रही उथल-पुथल के कारण निवेशकों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। पिछले दो महीनो में बाजारों में गिरावट के चलते निवेशकों को औसतन प्रत्येक 5 मिनट में 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
लेकिन वर्ष 2008 की तुलना में यह गिरावट काफी कम है क्योंकि पिछले वर्ष शेयर बाजार में निवेशकों ने हर दो मिनट में 100 करोड़ रुपये की चोट खायी थी और पूरे साल कुल 40 लाख करोड़ रुपये से हाथ धोना पड़ा था। जबकि इस वर्ष के बीते दो माह के दौरान अब तक 2 लाख 82 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। यानी हर 5 मिनट में 100 करोड़ डूब जाते हैं।
इन आंकड़ो से पता चलता हैं कि वित्तीय संकट के कारण पिछले साल शेयर बाजार काफी तेजी से नीचे आया था। इस वजह से 2008 में स्टॉक मार्केट में रजिस्टर्ड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 72 लाख करोड़ रुपए से घटकर 31 लाख करोड़ रुपए रह गया। जबकि 2009 में यह और घटकर 28 लाख 60 हजार करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया है। आंकड़ो के अनुसार 2008 में कुल 246 दिनों के करोबारी सत्र में औसतन रोज़ाना 5 घंटे 35 मिनट का कामकाज हुआ। इन सब से तो यह साफ़ हो जाता है कि भारत की आर्थिक स्थिति काफ़ी लचर हो गई है।
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हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteएक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.
हिंदी ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है।
ReplyDeleteएक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.
narayan narayan
ReplyDeleteबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है।
ReplyDeleteशुभकामनाएं।
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